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दो पल की है जिन्दगी इसे जी लो जी भर यहाँ कल किसने

दो पल की है जिन्दगी इसे जी लो जी भर यहाँ
कल किसने देखा, जो है उसे जी लो जी भर यहाँ
ना खुद रहो नाराज ना दूसरो को नाराज होने दो
क्या रखा है इस नाराजगी में बस रिश्ते चलते है नाराजगी में
और सुकून का एक पल ना मिलता है
चाहते होती है दिलो में पर बया ना कोई करता है
एक दिन हमेशा बिछड़ जाने के बाद
फिर कहाँ कोई मिलता है
इसलिए ना खुद रहो नाराज ना दूसरों को नाराज होने दो
दो पल की है जिन्दगी इसे जी लो जी भर यहाँ
खुशियाँ और गम बांटो हर किसी के संग
फिर देखो कितना सुकून मिलता है
जो है उसमे खुश रहो कल क्या होगा
ये सोचकर आज का वक़्त ना बर्बाद कर
दो पल की है जिन्दगी इसे जी लो जी भर यहाँ
कल किसने देखा, जो है उसे जी लो जी भर यहाँ
दो पल की है जिन्दगी इसे जी लो जी भर यहाँ ।

©Rishi Ranjan
  #World_Cancer_Day #Care #Jindagi #Health  लेखक कुणाल कुनु Anupriya ram singh yadav udass Afzal Khan gudiya