ये हक़ीक़त है,कोई दिखावा नहीं, मै खाकी हूं,ये खाकी मेरी जान है,कोई पहनावा नहीं, जान से कुछ कीमती हो तो बता देना, वो भी कर देंगे कुर्बान,कोई पछतावा नहीं, बैठ कर एसी में नाटक नहीं करते, आज अगर हम भी तुम्हारे जैसा ढोंग दिखाते, ज़रा सोच भी लो,कितने मरते, इसलिए चुप बैठो तमासबीनो, बैठ कर एसी में दौड़ाओ कागजी घोड़े, पर कुछ शर्म बची हो तो,किसी गरीब का हक मत छिनो, मौत सामने खड़ी है,तुम्हे लूटने की पड़ी है, खुद गलत करके,अपनों से भी गलत करवाते हो, जब फसने की बारी आई तो,खाकी पर दोष लगाते हो, देश भक्ति खाकी में आज भी जिंदा है, पर अफसोस सफेद पोशो से हो रही शर्मिंदा है, खाकी,