ढूंढता था मैं जिसे ,,,, सारे ज़माने में .... वो नहीं था ,,, ज़िंदगानी के ख़ज़ाने में .... कौन समझेगा ,,,, हमारी बेबसी यारो .... किस कदर आंसू बहाए ,,, मुस्कुराने में ... कल तलक़ ख़ुशियों को ,, तरसे थे हम भी .. अब मज़ा आने लगा है ,,, ग़म उठाने में .... हम जिन्हें ,, अपनी मुहब्बत का ख़ुदा समझे .... आजकल मशगूल हैं वो ,, दिल दुखाने में ... काश फिर से वक़्त आये ,,, मुस्कुराने का ... काश फिर शामें कटें ,, पीने पिलाने में ... ©OMG INDIA WORLD ढूंढता था मैं जिसे ,,,, सारे ज़माने में .... वो नहीं था ,,, ज़िंदगानी के ख़ज़ाने में .... कौन समझेगा ,,,, हमारी बेबसी यारो .... किस कदर आंसू बहाए ,,, मुस्कुराने में ... कल तलक़ ख़ुशियों को ,, तरसे थे हम भी .. अब मज़ा आने लगा है ,,, ग़म उठाने में ....