दुनियां के सताये हुये इंसानों को रखने के लिये कब्रि़स्तान काफी़ है। तौंबा करके मिटालों अपने गुनाहों कों, तुम मोमिनों ये रमजाऩ बाकी़ है। सुफियाऩ"सिद्दिकी" अररिया बिहार रमजाऩ बाकी़ है।