यूँ बे-ख़याली में हमने ये ज़िन्दगी गुज़ार दी, किया क़त्ल और ज़मीर की आवाज़ मार दी। मिला ना सुकून, ना जान में जान आई, क़त्ल-गाह में हमने ख़ुद की लाश गाड़ दी। #yqbaba #dimri