कुछ तो राब्ता है हमारे तुम्हारे बीच, वरना निगाहें किसी दीदार को यो न तरसती, कुछ तो बात हुई है इन फिज़ाओ में, ठंडी सांसे यो तेज़ न चलती कुँवर सुरेन्द्र कुछ तो राब्ता है हमारे तुम्हारे बीच, वरना निगाहें किसी दीदार को यो न तरसती, कुछ तो बात हुई है इन फिज़ाओ में, ठंडी सांसे यो तेज़ न चलती कुँवर सुरेन्द्र#deedar#nighahe#fiza