देखा एक ख़्वाब तो, देखा एक ख्वाब तो, अनेक रास्ते मिले।। कहीं काटें कहीं कंकड़ कई रुकावटे मिले।। मुझे तलाश थि ईक छतरी की जो ओढ़ले। मेरे सारे धुप और वारीस को पलभर मे।। और दे ईक सुनहरा सा पल कोई यादगर। मगर मुमकिन न हुआ मुकम्मल ए हसरते।। दिल के सारे ख्वाब टुकडो मे टब कर रहगए। देखा जो भी ख्वाब वो अधूरे ही रेह गए।।