ख्वाहिश थी, एक छोटी सी दुनिया हो मेरी सच और झूठ के परे, सब मिलकर रहे वहां, कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे किसी की पर क्या पता था, मेरी ख्वाहिशें किसी की बंदिशे बन जाएगी, नजाने कब दिलों में इतनी दूरियां आ गई, अब तो आलम कुछ ऐसा है, ना ख्वाहिशें बची, और ना ख्वाहिशों वाली दुनिया, बस एक अकेली मैं खड़ी बस एक अकेली मैं खड़ी....... एक छोटी सी दुनिया हो मेरी .......... ❣️❣️ #loveuzindgi #loveurlife