अच्छा ही हुआ जो तुम्हारे साथ नहीं लिखा गया मेरा नसीब, वरना तड़पती मेरी रूह और जिस्म खाता फिरता ठोकरें, जैसे भटकती है आत्मा बिन शरीर Mai Aur Mera Kissa#