जिस प्रकार की छवि तुम छोड़कर गए हो ना , प्रिय आज भी वैसी ही है कुछ भी ना बदला है और ना बदलेगा बदली है तो ये दुनिया सिर्फ तुम्हारे लिए ही नहीं हमारे लिए भी दोनों के दिलों में आज भी एहसास जिंदा है ये इश्क़ है ये इतनी आसानी से थोड़े ही निकलेगा इसलिए तो मैं बहुत करीब आ रहा हूँ की शायद मुझको अपने सामने देखकर "ऐ इश्क" तुम्हारा दिल संभाले से भी नहीं संभलेगा बेबुनियादी बातें नहीं ये बेकरारी की रातें हैं हम दोनों की ये दूसरी ही मुलाकातें हैं एक पल के लिए सही मगर फिर भी तेरा मन भी जरूर मचलेगा ©कुन्दन ( کندن ) #कुन्दन_प्रीत #कुंदन_नज़्म