तू मेरा मैं तेरा हो जाए कितना अच्छा होता न, तु मेरा चाँद मैं तेरा सितारा होता, इस दुनिया से अलग, एक अपना ही शहर होता... नफ़रत के आगोश से दूर, चारों ओर सिर्फ़ प्यार होता, तू मेरे बगीचे की फूल होती, मैं तेरा माली बन जाता... तू बन जाती मेरी ज़िंदगी की कहानी, उस कहानी का मैं किरदार बन जाता, कभी छलकती अगर तेरी आँखों से मोती, उसे थामने के लिए मेरा हाथ होता... तेरे होठों पर जो हँसी होती, उसकी वजह बस मैं ही होता, अगर वो कुदरत भी देता साथ हमारा, तू मेरी तो मैं तेरा हो जाता... तू मेरा मैं तेरा हो जाए कितना अच्छा होता न, तु मेरा चाँद मैं तेरा सितारा होता, इस दुनिया से अलग, एक अपना ही शहर होता... नफ़रत के आगोश से दूर,