वो शैतान ज़रा भी नहीं शर्मिंदा है दरिंदगी करने के बाद भी ज़िंदा है ये हैवान भी इसी समाज का बाशिंदा है ऐसे लगता है हर जगह पल रहा दरिंदा है समाज में कुछ लोग विदुर तो बन गए कोई तो बने भीम, लोग क्यों बने मुर्दा है शासन-प्रशासन सब मौन हुए बैठे है आँखों पे डालके अब जो बैठे पर्दा है समाज में कुकर्म करने वाले अपराधी पे लेकर मोमबत्ती करने बैठ जाते निंदा है अपराधी को लटकाते क्यों नहीं सूली पे जब इंसाफ के लिए बनाया गया फंदा है वो शैतान ज़रा भी नहीं शर्मिंदा है दरिंदगी करने के बाद भी ज़िंदा है ©Ram_N_Mandal Vo shaitaan zara bhi nahi sharminda hai Darindagi karne ke baad bhi zinda hai #Life #bitter_truth #stop_rape #hathras_justice #Stoprape