---------------------------------------------- फ़स्ल - ए - गुल क़िस्मत में नही है मेरे, नाक़ाबिल-ए-एलान फ़ितरत में नही है मेरे। तस्कीन - ए - दिल हुई हैं फ़र्श-ए-जमीं, फ़ीरोज़बख़्ती नियामत में नही है मेरे। फ़ुर्सत - ए - ज़ीस्त फ़ना होने लगा, फ़ुक़्दान -ए -ग़ैरत हिदायत में नही है मेरे। दर्द - ए - दरिया के सफ़र पर निकले, साज़िशें करना हिमाक़त में नही है मेरे। जिसके ख़ातिर दिल के अंदर ख़ंजर मारा, इन दिनों वो हीरा हुकूमत में नही है मेरे। मिस्कीन सूरत पर हँसने वालो सुनो, ये मुज़ाहमत इजाज़त में नही है मेरे। बेसबब बेकसी भरी है ज़मानेभर में, ग़ैरत - ए - जन्नत हिजरत में नही है मेरे। ------------------------------------------------ -संदीप कुमार 'सवीर' (RES) ©Sandeep Kumar Saveer 🖋️👁️❣️👁️🖋️ एक प्रयास अपने लिए #Dillagi #sadpoetry #Nojoto #SandeepKumarSaveer #nojotourdu #saveervlogs #miss_u