मैं लिखूं तुम्हे तुम पढ़ना मुझे। कुछ इस तरह एक-दूसरे को हम जान जाएँगे। तुम रूठना मैं मनाऊँ तुम्हे तुम रोना मैं हँसाऊं तुम्हे। कुछ इस तरह से हम गमे दरिया के उस पार जाएंगे। तुम खो जाओ कहीं तो मैं ढूँढूँ तुम्हे। मैं गुम जाऊँ कहीं तो तुम पूँछो मुझे। कुछ इस तरह से एक दूसरे का साथ हम निभा पाएंगे। #काश #ऐसा #हो #पाता(#K)