विषय :- तुम्हें मेरी क़सम (11-10-2021) ********************************* तुम्हें मेरी क़सम है, अब मुझसे कोई वादा न करना। मेरी तरफ लौटकर आने का, कोई इरादा न करना। कोशिशें तो तुमने बहुत की, मुझे बदनाम करने की। साजिशें एक बार फिर कर लो, पर ज्यादा न करना। महफ़ूज़ हूँ मैं अब तुमसे दूर होकर, अकेले जहाँ में। मेरी गलियों से गुज़रना, मगर शोर शराबा न करना। वक़्त ने खूब सबक सिखाया, तुम्हारे साथ होने से। प्यार सबसे करना, पर किसी से बेतहाशा न करना। मेरी आरजुओं को तुमने इस क़दर झकझोर दिया है। दिल कहता है आरज़ू पूरी होने की प्रत्याशा न करना। विषय :- तुम्हें मेरी क़सम (11-10-2021) तुम्हें मेरी क़सम है, अब मुझसे कोई वादा न करना। मेरी तरफ लौटकर आने का, कोई इरादा न करना। कोशिशें तो तुमने बहुत की, मुझे बदनाम करने की। साजिशें एक बार फिर कर लो, पर ज्यादा न करना।