इंतजार में तेरे गुज़र रहा है वक्त कुछ इस कदर कि समय की रेत को फिसलते देखा है मैंने। वाकिफ था मैं इस सच से कि तेरी खुशियों की वजह मैं हूँ नहीं, पर इस दिल को यह बात मंजूर ना थी। आंहे भर रहे तेरे इंतजार में हम, कहीं रूक ना जाए सांसे तेरे इंतजार में मेरी। जनाजे में मेरे आना जरूर, वरना विदा ना होगी रूह दुनिया से मेरी। Intezar mei ji rhe h hum .....