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पृथ्वी का मानव लिखूं या निर्लिप्त योगेश्वर लिखूं।

पृथ्वी का मानव लिखूं या निर्लिप्त योगेश्वर लिखूं। 
चेतना चिंतक लिखूं या संतृप्त देवेश्वर लिखूं। 
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना भी लिखूं! 
कृष्ण तुम पर क्या लिखूं! कितना लिखूं! 
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! #लार्ड कृष्णा #nojoto
पृथ्वी का मानव लिखूं या निर्लिप्त योगेश्वर लिखूं। 
चेतना चिंतक लिखूं या संतृप्त देवेश्वर लिखूं। 
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना भी लिखूं! 
कृष्ण तुम पर क्या लिखूं! कितना लिखूं! 
रहोगे तुम फिर भी अपरिभाषित चाहे जितना लिखूं! #लार्ड कृष्णा #nojoto