"अभ्यास से विद्या धारण की जाती है। कुल को शील से धारण किया जाता है।। गुणों से मित्र धारण किए जाते हैं। तथा नेत्रों से क्रोध धारण किया जाता है।।" आचार्य चाणक्य ©Ajay Yadav #हमारी_संस्कृति