वो कंगन तुम्हारे खनकते है अब भी.. वो कुमकुम तुम्हारे चमकते हैं अब भी... आंचल का पल्लू सम्हाला है किसने.. वो पल्लू तुम्हारे सरकते हैं अब भी... खुश़बू ज़रा सा बदल सी गई है.. पर गेसू तुम्हारे महकते हैं अब भी... ©Nishank Pandey #गेसू