मुट्ठी में रेत की तरह हाथों से फिसल जाता है। करना है अगर कुछ काम तो अभी कर डालो कल के लिए मत टालो,कल किसने देखा है। गया वक्त लौटकर नहीं आता,सोचो समझो देखो भालो,किमत वक्त की पहचानों। ऐसा न हो, बाद में पड़े पछताना, खुद समझो औरों को समझाओ।। किमत वक्त की पहचानों