तू अपना काम करता चल, वक़्त के साथ बढ़ता चल बांधाये लाख आये ना रुक ना झुक थोड़ी चोट थोड़ा दर्द सहता चल तू अपना काम करता चल वक़्त के साथ बढ़ता चल रास्ते बदलने पड़े तो बदल बस अपनी मंजिल मत बदल तू अपना काम करता चल वक़्त के साथ बढ़ता चल कोई रोक ना पाये , कोई तोड़ ना पाये बस इतना ही तू मजबूत बन तू अपना काम करता चल वक़्त के साथ बढ़ता चल खुबसूरत होगी कहानी तेरी जब मंजिल तेरे पास होगी तू अपना काम करता चल वक़्त के साथ बढ़ता चल #poem #poem