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मकान है,दुकान है और थकान। सरारत है,नफरत है और ,कुद

मकान है,दुकान है और थकान।
सरारत है,नफरत है और ,कुदरत  है
लोगो के बदल जाने से क्यों
दुखी यही तो लोगो की फिदरत है।

©k.k mehra लोगों के बदलने से नहीं डरना

#allalone
मकान है,दुकान है और थकान।
सरारत है,नफरत है और ,कुदरत  है
लोगो के बदल जाने से क्यों
दुखी यही तो लोगो की फिदरत है।

©k.k mehra लोगों के बदलने से नहीं डरना

#allalone
kkmehra6664

k.k mehra

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