सुकुनकी सांस लिए हुए जैसे, सालो महीनों हो गए, अपने लिए जीना जैसे भुल गए, अब तो रोज़ सोचती हूं, तुम आओ और हाथ पकड़ कर, बोलो बस हुआ अब चलो कुछ देर , साथ बैठ कर एकदूसरे को थोड़ा बांट लेते है, कुछ तुम बोलना कुछ हम, ऐसे से ही सफर ये काट लेते है, ये सोच कर तुम्हारी राह देखा करते है, तुम आओ और आग़ोशमे ले लो , और थोड़ी देर ही सही,वो रूहका सुकुन कहीं नही मिला है। #yqbaba #yqshayari #dayri #hindi #shayari #dard #baatein