जो आज ग़म की रात हैं वो खुशियां भी घर लाएंगी जो कली के अंदर बंद पड़ी हैं वो फूल बन खिल जाएंगी। कोई समय भी ना टीका है एक समय पर ही सदा ढल रही है शाम तो वो रात भी रुकती कहां जो चांद ठहरता है नहीं तो क्या सूरज जलता है सदा जो गिर रही हैं बिजली बन वो रोशनी भी सजाएंगी जो आज ग़म की रात हैं कल खुशियों से महकाएंगी ।। Life is an unexpected story