दिल बद से बद्तर हो चुका है कोई हाल ना पूछे इन कराहटो से इस क़दर से लड़ाईयां लड़ी है खुद से कि जख्मों की गठरी बहुत लंबी हो चुकी है कोई कितना भी जिंदगी में आए उसे भर नहीं सकता। सूखे पत्तो कि तरह दिल हो गया है न तो उसमे अब चंचलता है और न खुशियों का ढेर एक कठोर पत्थर कि तरह स्थिर है और अडिग है वो अब उसे आदत हो गई है ©–Varsha Shukla #fearless #alwaysalone #nojotohindi #nojotowriters #nojotoshayari #nojotopoetry