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#आईना पार्ट ३ चंद अल्फ़ाजो में नहीं बयाँ किया

   #आईना पार्ट ३


चंद अल्फ़ाजो में नहीं बयाँ किया जा सकता उस माँ का दर्द जिसकी 4 साल की बच्ची की लाश तक न बची हो पहचानने लायक़,

हां आजकल कुछ दरिंदे उस फूल के साथ भी दरिंदगी कर जाते हैं, जिसके होने से घर में रौनक रहती है।

भारतीय संस्कृति में औरत को लक्ष्मी बोलना गलत है क्योंकि अब उसे अपनी हिफाज़त खुद करनी होगी और लक्ष्मी से दुर्गा बन कर पापियों का नरसंहार करना होगा।

       #महू
   #आईना पार्ट ३


चंद अल्फ़ाजो में नहीं बयाँ किया जा सकता उस माँ का दर्द जिसकी 4 साल की बच्ची की लाश तक न बची हो पहचानने लायक़,

हां आजकल कुछ दरिंदे उस फूल के साथ भी दरिंदगी कर जाते हैं, जिसके होने से घर में रौनक रहती है।

भारतीय संस्कृति में औरत को लक्ष्मी बोलना गलत है क्योंकि अब उसे अपनी हिफाज़त खुद करनी होगी और लक्ष्मी से दुर्गा बन कर पापियों का नरसंहार करना होगा।

       #महू