अधूरा प्यार हो तुम या अधूरी ख्वाहिश हो तुम प्रिये अधूरा प्यार हो तुम या अधूरी ख्वाहिश हो तुम प्रिये पर जो भी हो तुम तुमसे मिल कर पूरा होता हूँ मैं प्रिये सोचा तो बहुत कुछ था तुम्हारे लिए सपनों में 1 अलग दुनिया बसाया था हमारे लिए साथ मे 7 वचन वो शादी के और माँग में वो सिंदूर की लाली और मंगलसूत्र की वो मोती काली मेरे नाम की मेहंदी तुम्हारे हाथ मे होती प्रिये गंवारा तुम्हे नही मेरा प्यार या दुनिया के डर से अलग हो गई हो तुम प्रिये हां अधूरा प्यार हो तुम या अधूरी ख्वाहिश हो तुम प्रिये ✍️नरेंद्र चौधरी(क्या कहूँ ) #love #pyar kya kahun