सुख़न - गोई जबसे काम आई है इंक़िलाब में नींद अच्छी आने लगी आलम-ए-इज़्तिराब में इक दिन बनेंगे सदी तिरे शह - सवार हम भी अभी तो फ़कत पाँव रखा हूँ थोड़ा रिकाब में मैने तो कर लिया था अहद-ए-तर्क-ए-इश्क़ न जाने क्यों उसने फिर चूम लिया ख्वाब में त'अत्तुर से बढ़ कर देखोगे तो समझ आएगा इक दर्जे का नायाब इल्म छुपा है गुलाब में अब तो देख कर भी बता नहीं पाएँगे असली इस कदर चेहरे पे चेहरा रखते लोग नकाब में जो भी आता सब रुला कर चले जाता है मुझे पता नही क्या लिखा मेरे तक़दीर ए किताब में एक जहर फैलते बे-असर हो दवा हो गई मुझमे यार बहुत खूबसूरत अजा है माँ की हर रुबाब में शब-ए-फ़ुर्क़त काट लिए किस्मत समझ कर पर ये सब दोज़ख़ रातें थे नहीं कभी मेरे हिसाब में जो कभी लबों से लगाए नहीं उनको क्या मालूम कुनु से पूछिए कभी आख़िर क्या है इस आब में ©Author kunal #walkalone #sad_feeling #cryingheart #deadsoul #End #Nojoto #kunu #word