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वो अबला,जो अपना उपनाम तक बदलकर, आयी थी कभी मेरे आँ

वो अबला,जो अपना उपनाम तक बदलकर,
आयी थी कभी मेरे आँगन में।
आज उसी आँगन में कही खो गयी है,
उसका जीवन, उसका आकर्षण,
उसका व्यक्तित्व, उसका समर्पण,
सब उड़ गया है जैसे पछवा पवन में,
जो आयी थी कभी मेरे आँगन में।
ना नज़र ना आवाज़ उठाती है,
मेरे डांटने पर भी वो मौन रह जाती है,
ना इठलाती है वो अब,
ना इस सावन में, ना उस सावन में,
जो आयी थी कभी मेरे आँगन में।।
 #NojotoQuote #naari #thisisforyou
वो अबला,जो अपना उपनाम तक बदलकर,
आयी थी कभी मेरे आँगन में।
आज उसी आँगन में कही खो गयी है,
उसका जीवन, उसका आकर्षण,
उसका व्यक्तित्व, उसका समर्पण,
सब उड़ गया है जैसे पछवा पवन में,
जो आयी थी कभी मेरे आँगन में।
ना नज़र ना आवाज़ उठाती है,
मेरे डांटने पर भी वो मौन रह जाती है,
ना इठलाती है वो अब,
ना इस सावन में, ना उस सावन में,
जो आयी थी कभी मेरे आँगन में।।
 #NojotoQuote #naari #thisisforyou
tanishgiri0891

Tanish Giri

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