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कितने ही लोगों के अहसासों को ज़बां देते है कवि, क

कितने ही लोगों के अहसासों को ज़बां देते है कवि, 
कभी तन्हा हंसते है तो कभी तन्हा रोते है कवि।  #कवि #कविता
कितने ही लोगों के अहसासों को ज़बां देते है कवि, 
कभी तन्हा हंसते है तो कभी तन्हा रोते है कवि।  #कवि #कविता