मैं इक। कोरा। कागज। हूं मैं तेरे प्यार का पैगाम हूं मैं ही तेरी वसीयत लिखे नाम। हूं मुझमें ही तू जीत व हार। लिखता है! मेरे मैं ही तू अपने चहेते को प्यार लिखता है! मुझसे ही तेरी दुनिया में चल। हैं देख आज मेरे छोटे टुकड़ों में कितना बल है ऐ इन्सान तेरी इन समस्याओं का मुझसे हल है। मैं ही तेरी भाग्य रेखाएं दर्शाता हूं मैं ही हूं पथिक को रेखाचित्र से मार्ग दिखाता हूं! मैं। ही आज तेरे कर्मों का फल हूं। मैं ही तुझमें खास बल हूं । मुझसे से ही तेरी पूर्ण होते तेरे शिक्षा संस्कार। आज मुझमें ही लिखे गये तेरे हर मौलिक अधिकार। मुझे व्यर्थ ना कर । मैं कोरा कागज हूं। कागज़ व्यर्थ तो जंगल व्यर्थ । जंगल व्यर्थ तो जीवन व्यर्थ। ©manu #save #pepper #save #tree #save #life #Book