.…..............................., दिल करता है कभ

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दिल करता है कभी मिलूं उससे,
देखूं! कैसा है वो मेरे बग़ैर?
पूछूं उससे कि,
वो इतना कैसे बदल गया?

// अनुशीर्षक में देखें //

©Jupiter and its moon वो इतना कैसे बदल गया?

मैंने जितनी दफ़ा इश्क़ लिखा
दिल में अज़ीब सा दर्द हुआ।
वो चेहरा आंखों के सामने आ गया ,
जिसपर कभी जान भी हाज़िर थी!

सोचती हूं,
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दिल करता है कभी मिलूं उससे,
देखूं! कैसा है वो मेरे बग़ैर?
पूछूं उससे कि,
वो इतना कैसे बदल गया?

// अनुशीर्षक में देखें //

©Jupiter and its moon वो इतना कैसे बदल गया?

मैंने जितनी दफ़ा इश्क़ लिखा
दिल में अज़ीब सा दर्द हुआ।
वो चेहरा आंखों के सामने आ गया ,
जिसपर कभी जान भी हाज़िर थी!

सोचती हूं,