शरद के आते ही छा गई आसमां में हल्की सी धुंध, गगन से धुंध हटाने को सूर्य की किरणे करती द्वंद। शरद मौसम के प्रभाव से पवन बन गई शीत लहर, जाड़े की मार से बदन को ठिठुरा रहा पहला पहर। शरद के बादलों के कोप से तिलमिला रही रोशनी, मौसम के रंगों में रंग हवाओं ने,की शरद से दोस्ती। भूधर ने ओढ़ी धवल ओढ़नी,बर्फ से ढकी चोटियां, तन पे चढ़े जर्सी जुराब,सर पे सजी ऊनी टोपियां। इंसां को जला के अलाव तपा रहे,कर रहे नेकियां, सुबह सुबह भा रही सभी को चाय और काफिया। JP lodhi09Dec2020 ©J P Lodhi. #coldmornings #poetryunplugged #Nojotowriters #Nojotohindi #Nojotonews #Nojotoorigenal #Poetry #Goodmorning