कान्हा की बासुरी कुछ वीरान सी हो गई हैं ,, फूल खिलते तो हैं ,, मगर महकना छोड़ दिया है।।। @varshu कान्हा की बासुरी वीरान सी हो गई हैं , फूल खिलते तो हैं , मगर महकना छोड़ दिया । और ये चिंता से भरी शांति ,, कभी कभी आभास कराती है कि ,जब किसी चीज का उपभोग बड़ जाता हैं तो उसकी समाप्ति निश्चित है।।।।