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लिख दी वो जो मन में आई, अब वो मनोगत पंक्तियां कहला

लिख दी वो जो मन में आई,
अब वो मनोगत पंक्तियां कहलाईं।
दिल के जज्बातों को जब शब्द दिए,
रूह की गहराइयों में बसीं सच्चाइयां कहलाईं।

कलम ने जब अहसासों को छुआ,
मन की हर बात बयां हो गई।
लिख दी वो जो मन में आई,
अब वो मनोगत पंक्तियां कहलाईं।

हर लफ्ज़ में छिपा एक किस्सा,
हर पंक्ति में जीवन की सच्चाई।
जब दिल से लिखी वो बात,
तो वो मेरी पहचान कहलाई।

©Balwant Mehta
  #मनोगतपंक्तियां