भारत माँ के लाल भगतसिंह लिखना जो चाहा तुम्हे, पर पन्ने मेरे थोड़े थे। वीर भगतसिंह तेरे यश के, किस्से काफी लंबे चौड़े थे। प्रभात सूर्य सी रश्मि बनकर, इस भारत मे तुम जन्मे थे। मातृभूमि की खातिर तुम, सर्वस्व तरह समर्पित थे। द्वेदीप्यमान सितारे बनकर, तुम भारत माँ के भाल बने। कभी झुके ना मरते दम तक, भारत का स्वाभिमान बने। कोहिनूर की चमक प्रभा का, वर्णन थोड़ा करता हु। भारत माँ के वीर लाडले, मै तुमको शीश नवाता हु। जय माँ भारती प्रवीनमगर जय माँ भारती के लाल वीर भगत सिंह