जब लहराकर चलती है तो, हर जगह बिजली गिराती है वो......... महज़ काली बिंदी और साड़ी से, महफ़िल में आग लगाती है वो.......... और हम भूल जाते हैं गज़ल, अक्सर महफ़िल में पढ़ते वक्त.......... जब भी भरी महफ़िल में हमसे, अपनी नज़रें मिलाती है वो.............. ©Poet Maddy जब लहराकर चलती है तो, हर जगह बिजली गिराती है वो......... #Walk#StrikingLight#Bindi#Saree#Fire#Gathering#Forget#Gazal#EyeContact........