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हमारा जीवन कितना सफल यह सुखमय बीतेगा यह हमारा रोज

हमारा जीवन कितना सफल यह सुखमय बीतेगा यह हमारा रोज निर्धारित करता है मन में संजोए सोपन में जितनी स्पष्टता और लक्ष्य पाने की उत्कृष्ट आज इतनी तीव्र होगी उसी अनुपात में सफलता मिलेगी स्वपन ही अलग से नहीं होगा तो जीवन में नताशा पर आ सकती है लक्ष्य हीनता की परिणिति पीड़ा दाई होती है जीवन में यूं ही नष्ट हो गए कुछ ठोस हासिल नहीं हुआ यह भाव व्यक्ति को भी चुप कर सकता है कहा भी गया है कि अंधा होने से बेहतर स्थिति उसकी है इसमें दूरदृष्टि नहीं है दूर दृष्टि का आधार यह अडिग विश्वास है कि आगमन स्वयं वर्तमान से बेहतर होगा ऐसा व्यक्ति निरंतर कर्म रथ रहेगा उसमें दूसरों के हित में योगदान देने की प्रवृत्ति मुकुल होगी परिणाम स्वरुप उसे परिजनों और अन्य उसे अपार सहयोग और स्नेह मिलेगा संपूर्ण रूप से वह जीता है जो स्वयं को को साकार करता है उसे मारा नहीं देता आशंका सहन और वह विकास के रोड हैं यह भी हो जाए तो उन्नति के द्वारा अवरोध हो जाएगा आप जिस कार्य में स्वयं को आश्रम मानते हैं उसे संपन्न करने का साहस करोगे तो शरीर या मन के व समर्थन अकेले होंगे जो अनस अनस कर रहे रहते हैं दुरुस्त दूर दृष्टि के लिए व्यक्ति ने इन शब्दों में आस्था उसे वर्तमान घटनाओं में विचलित नहीं करता चौकी पर नियंत्रण रहता है लिहाजा वे अतीत के गुणगान या भविष्य की चिंता में नहीं डूबा रहता बल्कि सदा जागृत अवस्था में रहता है दृष्टि का अर्थ है उसे देखने की क्षमता जितना पर दिखाई देता है एक विचारक ने कहा है वास्तविकता वह हैं जिन्हें अपनी लगते हैं आगे की राह सुनकर वह उनके पांव नहीं थकते दूर दृष्टि संपन्न व्यक्ति के संगी से हमेशा आध्यात्मिक रूप से उन्नति होगी इनके विपरीत दृष्टिहीन व्यक्ति संगत में हमें अपनी मूल यानी दिव्या को देंगे

©Ek villain # दूरदृष्टि मानव

#hills
हमारा जीवन कितना सफल यह सुखमय बीतेगा यह हमारा रोज निर्धारित करता है मन में संजोए सोपन में जितनी स्पष्टता और लक्ष्य पाने की उत्कृष्ट आज इतनी तीव्र होगी उसी अनुपात में सफलता मिलेगी स्वपन ही अलग से नहीं होगा तो जीवन में नताशा पर आ सकती है लक्ष्य हीनता की परिणिति पीड़ा दाई होती है जीवन में यूं ही नष्ट हो गए कुछ ठोस हासिल नहीं हुआ यह भाव व्यक्ति को भी चुप कर सकता है कहा भी गया है कि अंधा होने से बेहतर स्थिति उसकी है इसमें दूरदृष्टि नहीं है दूर दृष्टि का आधार यह अडिग विश्वास है कि आगमन स्वयं वर्तमान से बेहतर होगा ऐसा व्यक्ति निरंतर कर्म रथ रहेगा उसमें दूसरों के हित में योगदान देने की प्रवृत्ति मुकुल होगी परिणाम स्वरुप उसे परिजनों और अन्य उसे अपार सहयोग और स्नेह मिलेगा संपूर्ण रूप से वह जीता है जो स्वयं को को साकार करता है उसे मारा नहीं देता आशंका सहन और वह विकास के रोड हैं यह भी हो जाए तो उन्नति के द्वारा अवरोध हो जाएगा आप जिस कार्य में स्वयं को आश्रम मानते हैं उसे संपन्न करने का साहस करोगे तो शरीर या मन के व समर्थन अकेले होंगे जो अनस अनस कर रहे रहते हैं दुरुस्त दूर दृष्टि के लिए व्यक्ति ने इन शब्दों में आस्था उसे वर्तमान घटनाओं में विचलित नहीं करता चौकी पर नियंत्रण रहता है लिहाजा वे अतीत के गुणगान या भविष्य की चिंता में नहीं डूबा रहता बल्कि सदा जागृत अवस्था में रहता है दृष्टि का अर्थ है उसे देखने की क्षमता जितना पर दिखाई देता है एक विचारक ने कहा है वास्तविकता वह हैं जिन्हें अपनी लगते हैं आगे की राह सुनकर वह उनके पांव नहीं थकते दूर दृष्टि संपन्न व्यक्ति के संगी से हमेशा आध्यात्मिक रूप से उन्नति होगी इनके विपरीत दृष्टिहीन व्यक्ति संगत में हमें अपनी मूल यानी दिव्या को देंगे

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Ek villain

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