डर है कि कहीं, फिर न खाता हो जाये, मेरे मैसेज से कोई फिर न खफा हो जाये, मगर ये दिल की बात दिल से कहना पड़ता है, मज़ा तो तब है, जब वफ़ाओ पर वफ़ा हो जाये।। skp@basti time pass writting maza to tab hai