उसको जता चैन से, जी रहा हूॅं मैं, करवटें बदल, हर रात जाग रहा हूॅं मैं। मेरे इश्क को छिपाकर, दिल के कोने में कहीं, हर लम्हा, दूर उससे, भाग रहा हूॅं मैं।। वक्त ने तोड़ा मुझे बोहोत है, बिखरी वो भी कम नहीं है, नकली मुस्कुराती है वो हूबहू मुझ जैसे, मानों कोई ग़म नहीं है। मुशाबहत सी है हालत हमारी, एक और सदमा, और सब खत्म है, फिर उसके माथे को शिकन दें तो कैसे, मेरी चाहत बेरहम नहीं है।। कड़वे घूंट खामोशियों के, पी रहा हूॅं मैं, बुझा अपनी आशिकी का, चिराग रहा हूॅं मैं। मेरी खुदगर्ज मोहब्बत का ज़हर, लायक उसके है ही नहीं, हर लम्हा, दूर उससे, भाग रहा हूॅं मैं।। ©Arc Kay #shaayavita #Woh #faraway #Ghutan #Awayfromlove #drowning #lamha