सारी भेंड़े भाग गईं शेर अकेला रह गया, दूसरे शेर ने इस शेर को पकड़ लिया। यह शेर होकर भी रोने लगा, मिमियाया, गिड़गिड़ाया कि छोड़ दो मुझे.... मुझे जाने दो... मेरे सब संगी साथी जा रहे हैं.... मेरे परिवार से मुझे अलग न करो….. दूसरे शेर ने फटकारा- *"अरे मूर्ख! ये तेरे संगी साथी नहीं हैं, तेरा दिमाग फिर गया है, तू पागल हो गया है।"* *परन्तु वह नहीं माना, वह तो स्वयं को भेंड मानकर भेलचाल में चलता था"।* बड़ा शेर उसे घसीटता गया नदी के किनारे ले गया। दोनों ने नदी में झांका। part 2 #CityEvening