दर्द मे छुपी मोह्हबत की एक हसीं दास्ताँ हैं फिर तबाह हो जाने का मंजर कुछ इस कदर बयाँ हैं भरोसा करने की दौबार हिम्मत ना होगी दुआओ मे मांग बेठे थे जो जिस्म का जोगी फिर मौत मांग बेठे जो हुए दिल के रोगी दर्द मे छुपी मोह्हबत की एक हसीं दास्ताँ हैं फिर तबाह हो जाने का मंजर कुछ इस कदर बयाँ हैं । dasta