सच्चाई बयां कर दी तो उनको बुरा लग गया थोड़ा ही बोला था उनका सारा भेद खुल गया क्या डर था उसको जो कुछ छुपा रही थी कुछ तो हक़ीक़त थी उसके पीछे जो ये अपनी मुस्कान दबा रही थी B+6+5+8