मेरी कविता युवा शक्ति को समर्पित। प्रयासों का परिणाम व्यर्थ नहीं जाएगा अच्छा वक्त जरूर लौट कर आएगा । सफलता के शिखर पर आप जरूर परचम लहराओगे , सफलता पाओगे। सभी युवा देश का भविष्य है , करो कुछ ऐसा जिसे देश को नाम मिले । हर युवा के सपने साकार हो आत्मनिर्भर भारत को नई पहचान मिले । अपने स्वारोजगार के रास्ते खुद बनाओ , आने वाली पीढ़ियों के लिए कुछ कर जाओ । बेरोज़गारी से मुक्ति पाओ तभी विश्व के पटल पर जगह बनाकर जाएंगे । कवि कौटिल्य चाहेगा आने वाले दिनों में ऐसे भारत का निर्माण हो जो आत्मनिर्भर , स्वारोजगार और उन्नति से औत प्रोत हो । रहे भावना देश स्वाबलंबन की युवा शक्ति का आगाज़ हो । जय हिन्द ,जय भारत कवि पवन कुमार शर्मा "कोटिल्य," ©Kavi Pawan Kumar Sharma kautliya #आत्मनिर्भर_भारत #Lights