कोई अल्फाज़ नहीं जो तुझे लिख सके कोई तोहफा नहीं जो तुझसे किमती हो कोई हुस्न नहीं जो तुझसे खूबसूरत हो कोई हूर परी नहीं तुम जैसी जो जन्नत में उतरी हो कैसे तुझे समझाऊँ तुम मेरे लिए क्या हो भले तुम दूर हो पर दिल के पास हो