कह दूं हवाओं से और कर ले ऊँचा आसमान मेरे बाजुओं में दम है तब तक भर लूंगा मैं उड़ान हारसे मैंने न समझौता किया है जीतना आता है मुझको मेरे वतन की इस जमीन पर हिम्मतों के हैं बागान ! धूप कितनी भी प्रखर हो जाये छाया ढूंढ लूंगा मैं मुसाफ़िर हूँ डगर डगमग न होगी धर्म मेरा कर्म मेरा अनवरत चलना ही होगा मैं लगन से राह के प्रतिबन्ध सारे तोड़ लूंगा ! Challenge-120 #collabwithकोराकाग़ज़ 8 पंक्तियों में अपनी रचना लिखिए :) #ऊँचाआसमान #कोराकाग़ज़ #yqdidi #yqbaba YourQuote Didi YourQuote Baba Aरिफ़ Aल्व़ी #YourQuoteAndMine Collaborating with कोरा काग़ज़ ™️