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*अखिर कब आयेगा वो दिन जब हम सच मे एक समान हुआ करेग

 *अखिर कब आयेगा वो दिन जब हम सच मे एक समान हुआ करेगे* 
कहने के लिये तो है हम आज लड़किया लड़को के बराबर 
पर ना जाने क्यू लगता हैं ये बस कहने के लिये हैं 
क्योकी आज भी अगर कुछ गलत होता है तो सब लड़कियो को ही करतें हैं ब्लमे 
फिर चाहे हो उनका रेप या छोड़ जाए वो घर 
अपने प्यार के लिये 
क्यो नहीं करती ये दुनिया दोनो को इक्वल जज 
रेप होने पे ये बोला जाता है लड़की की गलती है क्या जरुरत थी इतनी रात मे बाहर जाने की
 *अखिर कब आयेगा वो दिन जब हम सच मे एक समान हुआ करेगे* 
कहने के लिये तो है हम आज लड़किया लड़को के बराबर 
पर ना जाने क्यू लगता हैं ये बस कहने के लिये हैं 
क्योकी आज भी अगर कुछ गलत होता है तो सब लड़कियो को ही करतें हैं ब्लमे 
फिर चाहे हो उनका रेप या छोड़ जाए वो घर 
अपने प्यार के लिये 
क्यो नहीं करती ये दुनिया दोनो को इक्वल जज 
रेप होने पे ये बोला जाता है लड़की की गलती है क्या जरुरत थी इतनी रात मे बाहर जाने की

*अखिर कब आयेगा वो दिन जब हम सच मे एक समान हुआ करेगे* कहने के लिये तो है हम आज लड़किया लड़को के बराबर पर ना जाने क्यू लगता हैं ये बस कहने के लिये हैं क्योकी आज भी अगर कुछ गलत होता है तो सब लड़कियो को ही करतें हैं ब्लमे फिर चाहे हो उनका रेप या छोड़ जाए वो घर अपने प्यार के लिये क्यो नहीं करती ये दुनिया दोनो को इक्वल जज रेप होने पे ये बोला जाता है लड़की की गलती है क्या जरुरत थी इतनी रात मे बाहर जाने की #prakamya