नारायण ने भी रेशमी धागे के खातिर बढ़ा दिया था द्रौपदी की साड़ी का चीर भाई की कलाई का श्रृंगार है यह धागा बहन-हीन भाई समझता स्वयं को अभागा || श्रावण मास का अनुपम यह त्योहार बड़ा अनूठा है भाई -बहन का प्यार रक्तसंबन्धों से परे मन का यह नाता है रेशम की डोर से इस रिश्ते को बाँधा जाता है || HAPPY RAKSHA BANDHAN @स्मृति..... मोनिका ✍️ #rakshabandhan #रेशम की डोर