1 lakhs special 'नई विशेष दिशा' रात के अंधेरों में, गुमनामी भरी, किसे बोले, कौन सुने। मन की उधेड़बुन में, जाल सवालों का, कौन बुने, कैसे हटे। शब्दों और स्याही का मेल, 'विशेष' प्रीत की दिशा, राहें मिले, संकल्प जुड़े। रेशमी सुबह का बहाव, अनंत विचारों की साक्षी रात्रि, नई विशेष दिशा मिले, नए सफर का साथी 'उत्कर्ष' बने। ©Ankit verma 'utkarsh' #MyJourneyWithNojoto ❤️❤️सतेन्द्र बिजल्वाण Anudeep story's...