White जब हम विचारों में होते हैं, जीवन को समझते हैं, सोचते हैं कि क्या खोया, क्या पाया जिंदगी भर। जो पाया आखिर में गंवाना है, जीवन धूमिल हो जाना है। जीवन की पहेली अबूझ, इसी उधेड़बुन से बनती-बिगड़ती है, फिर भी कब सुलझती है, जिंदगी इसी में ऐसे ही गुजरती है। © परिंदा मन परिंदा #परिंदा #मन_परिंदा ©परिंदा #love_shayari love poetry in english metaphysical poetry poetry poetry quotes poetry lovers